Private Suraksha Gaurdon ke liye AAFAT
प्राइवेट सुरक्षा गार्डों
के लिए
आफत
सुरक्षा के प्रति
बढ़ती सतर्कता
की वजह
से देश
में प्राइवेट
सेक्युरिटी गार्ड की मांग यहां
काफी बढ़ी
है इसके
पीछे एक
मुख्य कारण
यह भी
है कि
देश में
लगातार व्यापारिक
व व्यावसायिक
संगठनों/प्रतिष्ठानों
में काफी
इजाफा हुआ
है। सुरक्षा
गार्ड को
और चुस्त-दुरूस्त करने
के लिए
पसारा एक्ट2005
बना। जो
कि सरकार
का एक
काफी अच्छा
प्रयास है।
सरकार ने
इस अधिनियम
को लागू
कर प्राइवेट
सुरक्षा एजेंसियों
के संचालन
के लिए
एक नियामक
अधिनियम बना
दिया जिससे
प्राइवेट सुरक्षा
एजेंसियों को चुस्त-दुरूस्त और
प्रभावी बनाना
संभव हो
सके। चूंकि
सरकार की
यह एकअच्छी
पहल है
जिससे गार्ड
को प्रशिक्षित
कर लोगों
की सुरक्षा
को पुख्ता
बनाया जा
सके। ज्ञात
हो कि
सेक्युरिटी गार्ड को चुस्त-दुरुस्त
करने के
लिए यह
एक्ट बनाया
गया था।
इसी के
तहत दिल्ली
सरकार ने
2009 में पसारा
एक्ट 2005 के अंतर्गत नियम बनाकर
दिल्ली में
लागू किया।
इस नियम
के मुताबिक,
अब प्राइवेट
सेक्युरिटी गार्ड बनने के लिए
लोगों को
डीपसारा से
मान्यताप्राप्त प्रषिक्षण केंद्र से प्रशिक्षण
लेकर सर्टिफिकेट
प्राप्त करना
होगा, अन्यथा
वो गार्ड
की नौकरी
नहीं कर
सकते। सर्टिफिकेट
प्राप्त करने
के लिए
सामान्य लोगों
को प्रशिक्षण
संस्थान में
न्यूनतम शुल्क
5,000 रूपए जमा करके 28 दिनों (100 घंटे-सैद्धांतिक और
60 घंटे-व्यावहारिक)
का प्रशिक्षणलेना
होगा। निजी
नियोजन के
क्षेत्र में
सुरक्षा गार्ड
की नौकरियां
के काफी
अवसर होते
हैं जिससे
यह क्षेत्र
काफी लोगों
को रोजगार
मुहैया कराता
है। सभी
भली-भांति
वाकिफ हैं
कि विभिन्न
राज्यों से
पलायन करके
लोग भारत
की राजधानी
सहित तमाम
शहरों में
कमाने जाते
हैं। इस
नियम को
लागू करने
मेंकई सारी
व्यावहारिक समस्या गार्डों के समक्ष
आ रही
है। प्रमुख
बात यह
है कि
आखिर एक
महीने के
प्रशिक्षण के लिए 5,000 रूपए वे
लाएं तो
लाएं कहां
से दूसरी
बात प्रशिक्षण
के दौरान
अपने व
परिवार का
भरण-पोषण
कैसे करे
एवं तीसरी
बात यह
कि वह
अपने रहने
का सत्यापन
कैसे कराएंजबकि
सुरक्षा गार्ड
अल्प वेतन
भोगी होते
हैं। वहीं
प्रशिक्षण केंद्र को ही लिया
जाए तो
यह समस्या
है कि
प्रशिक्षण के लिए डीपसारा ने
अब तक
मात्र एक
केंद्र को
पूरी दिल्ली
में मान्यता
दिया है
वह भी
दिल्ली के
सुदूर इलाके
महरौली में।
जहां पर
दिल्ली के
भिन्न-भिन्न
क्षेत्रों से आकर लगभग एक
महीने प्रशिक्षण
लेना, लोगों
के लिए
मुसीबतबन गई
है। ऊपर
से सरकार
का दबाव
है कि
जल्द से
जल्द सभी
गार्ड प्रशिक्षण
लेकर सर्टिफिकेट
प्राप्त करें,
अन्यथा कार्रवाई
की जाएगी।
ऐसे हालात
में वर्तमान
प्राइवेट सुरक्षा
गार्ड को
अपनी नौकरी
पर तलवार
लटकती नजर
आ रही
है। जबकि
भारत की
राजधानी दिल्ली
होने के
नाते यहां
सुरक्षाका काफी दबाव रहता है
और इस
दबाव को
काफी हद
तक प्राइवेट
सेक्युरिटी एजेंसी ही कम करने
में अपना
अहम योगदान
देते हैं।
वहीं दूसरी
ओर, यदि
प्राइवेट सेक्युरिटी
एजेंसियों की बात करें तो
कोई भी
एजेंसी इतना
एकमुश्त पैसा
लगाने के
लिए हिम्मत
नहीं कर
पाएगी। मान
लिया जाए
कि प्राइवेट
सुरक्षा एजेंसियां
अपने खर्चें
से लोगों
को प्रशिक्षण
देने की
पहल करे
भी तो
इस बात
की गारंटी
कौन लेगा
कि प्रशिक्षण
प्राप्तकरके गार्ड कहीं और ना
चला जाए
या किसी
अन्य शहर
चला जाए
या कहीं
फिर प्रशिक्षण
के दौरान
ही भाग
ना जाए।
ऐसे हालात
में सुरक्षा
एजेंसियों को क्षतिपुर्ति कौन करेगा?
इस प्रकार
देखा जाए
तो गार्ड
और एजेंसी
दोनों ही
को व्यावहारिक
समस्या से
जूझना पड़
रहा है।
1500 से अधिक
सेक्युरिटी एजेंसियां पूरे देश में
कार्य कर
रही हैं
जिसके गार्ड
को बेसिक
प्रशिक्षण प्राप्त नहीं है। ऐसे
में यदि
केवल दिल्ली
की ही
बात करे
तो करीब
338 प्राइवेट एजेंसियां (29 नवंबर,
2012 तक) को
लाइसेंस प्राप्त
है जबकि
बहुतेरे एजेंसियां
बिना लाइसेंस
के ही
धड़ल्ले से
अपनाबिजनेस चला रही है। केवल
लाइसेंसधारक एजेंसियों के अंतर्गत यह
मान लिया
जाए कि
एक एजेंसी
के पास
करीब 100 गार्ड
भी हैं
तो कुल
33800 गार्ड हो जाएंगे, ऐसे में
डीपसारा द्वारा
मान्यताप्राप्त मात्र एक प्रशिक्षण संस्थान,
महरौली कैसे
इतने गार्ड
को एक
साथ या
अलग-अलग
प्रशिक्षण देपाएगी जबकि इस प्रशिक्षण
केंद्र की
क्षमता मात्र
240 ही है।
वहीं दूसरी
ओर यह
दिल्ली के
एक कोने
में स्थित
है जहां
पर दिल्ली
के विभिन्न
कोने से
आकर प्रशिक्षण
लेना लोगों
के लिए
बड़ी समस्या
है। ऊपर
से सरकार
का इन
एजेंसियों पर दबाव है कि
वो जल्द
से जल्द
अपने गार्ड
को प्रशिक्षणदिलाकर
उसे नौकरी
पर रखे।
यह एक्ट
तब प्रभावी
व सफलीभूत
हो पाएगा
जब सरकार
इस पर
कुछ ढ़ील
दे जैसे
कि प्रशिक्षण
शुल्क न्यूनतम
से न्यूनतम
रखा जाए
साथ ही
प्रोत्साहन अनुदान का प्रावधान करे,
इसके अलावा
दिल्ली के
विभिन्न जोन
में प्रशिक्षण
केंद्र खोला
जाए। साथ
ही पहले
से उपलब्ध
प्रशिक्षण योजनाओं मेंइसको भी शामिल
करे जिससे
कि प्रशिक्षण
केंद्र में
इजाफा हो
और लोगों
को वहां
से आसानी
से प्रशिक्षण
प्राप्त हो
सके।
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