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Mantrimandal vistar ke bahane vidhansabha chunav ko sadhne ki koshish

मंत्रिमंडल विस्तार के बहाने विधानसभा चुनाव को साधने की कोशिश

निर्भय कर्ण
          
     मोदी सरकार के शपथ ग्रहण-2 से स्वच्छ सरकार-स्वस्थ सरकार की मंशा साफ झलकती है। इस पहले विस्तार में युवा और अनुभवी चेहरों को सरकार में स्थान देते हुए 21 मंत्रियों को शपथ दिलाया गया। गोआ के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिलाकर केंद्र सरकार में शामिल कराना, अपने आप में चौंकाने वाली बात रही। मनोहर पर्रिकर अपने साफ, स्वच्छ और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं। इसी स्वच्छ छवि को ध्यान में रखते हुए उन्हें कैबिनेट में जगह मिली है। अब बारी है पर्रिकर की जो अपने ईमानदारी और दूरदर्शी के बल पर भारत को ऊंचे मुकाम पर ले जाएं। लोग जानते हैं कि इस कर्तव्य से वह पीछे नहीं हटेंगे और एक बार फिर वह अपने कर्तव्यनिष्ठा को सिद्ध करेंगे।

                इस मंत्रिमंडल के विस्तार से मोदी की मंशा को बखूबी समझा जा सकता है। आगामी महीनों/वर्षों  में जिन-जिन राज्यों में विधान सभा चुनाव होने हैं, उसे ध्यान में रखते हुए नेताओं को मंत्रिमंडल में तरजीह दी गयी है। महामोर्चा के उदेश्यों को ध्यान में रखते हुए नरेंद्र मोदी ने यूपी के चार और बिहार के तीन नेताओं को मंत्री बनाया है। यूपी से डॉ. महेश शर्मा, साध्वी निरंजना ज्योति, रामशंकर कठेरिया और मुख्तार अब्बास नकवी को सरकार में स्थान देकर यूपी के ब्राह्मण, पिछड़ा, दलित और मुसलमानों को खुश करने का प्रयास है। भाजपा की कोशिश है कि लोक सभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर जिस तरह अगड़ा-पिछड़ा और दलित एकजुट हुआ, ठीक उसी प्रकार यहां पर 2017 में होने जा रहे विधान सभा चुनाव से पहले भाजपा के नाम पर सभी को एकजुट किया जाए जिससे महामोर्चा की विफलता सुनिश्चित हो सके। तो वहीं बिहार में महामोर्चा को कुंद करने और उपचुनाव में हार से सबक लेते हुए भाजपा ने यादव, राजपूत और भूमिहार नेता को मंत्री बनाकर अपने को और मजबूत करने की सोची समझी रणनीति चल दी है। ज्ञात हो कि बिहार की दस सीटों के उपचुनाव में भाजपा को छह पर पराजय मिली थी। इसी से सबक सीखते हुए भाजपा ने छपरा के सांसद राजीव प्रताप रूडी, नवादा से सांसद गिरिराज सिंह, पाटलिपुत्र से सांसद राम कृपाल यादव को सरकार में स्थान देते हुए बिहार में भाजपा की पकड़ को मजबूत करने लिए यह महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा है। कभी लालू प्रसाद यादव के करीबी रहे राम कृपाल यादव की जिम्मेदारी लालू यादव के पर कतरने की होगी तो वहीं पार्टी को ऊंचाई पर ले जाने की उनकी तमाम कोशिश होगी। ज्ञात रहे कि राम कृपाल यादव ने लालू की बेटी मीसा यादव को हराकर पाटलीपुत्र सीट जीता था। जबकि गिरिराज सिंह कभी नीतीश सरकार में मंत्री रह चुके हैं और अब नीतीश को और कमजोर करके भाजपा की नींव को बिहार में मजबूत करने की जिम्मेदारी इन पर है। गिरिराज अपने बेबाक बयानों को लेकर शुरू से ही विरोधियों के निशाने पर रहे हैं और मोदी के मुखर समर्थक हैं। वहीं राजीव प्रताप रूडी वाजपेयी सरकार में उड्डयन मंत्री रह चुके हैं और इस बार राबड़ी देवी को हराकर छपरा सीट पर काबिज हुए थे।

                पश्चिम बंगाल व पंजाब में भी आगामी विधान सभा को नजर में रखते हुए पश्चिम बंगाल में बाबुल सुप्रियो को मंत्री बनाया गया है। सुप्रियो बंगाल में भाजपा के दो सांसदों में से एक है जो ममता सरकार के खिलाफ हमेशा ही मुखर रहे। तो वहीं पंजाब में विजय सांपला को मंत्री बनाकर अपने गैर सिख समर्थक वर्ग को खुश करने की भरपूर कोशिश की गयी है। 

                कुल मिलाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्री परिषद का यह पहला बड़ा विस्तार था और अब इस विस्तार से सरकार के मंत्रियों की संख्या 66 हो गई है। चूंकि भाजपा ने इस विस्तार के बहाने राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए राजनीति बिसात तैयार कर ली है। अब देखा जाना है कि ये नए मंत्री इन राज्यों में क्या गुल खिलाते हैं जिससे कि वहां की जनता भाजपा की ओर और आकर्षित हो सके ताकि भाजपा अपनी जीत का सिलसिला इसी प्रकार जारी रख सके।
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