CAREER- NIRMAN KSHETRA ME BHI BHAVISHYA - सुस्वागतम्
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CAREER- NIRMAN KSHETRA ME BHI BHAVISHYA


                   निर्माण क्षेत्र में भी भविष्य                                               

देश हो या विदेश सभी जगह बिल्डिंग इंडस्ट्री की आजकल धूम मची है। कंस्ट्रक्शन कंपनियां जहां एक ओर लोगों को बेहतर आवास सुविधाएं उपलब्ध कराती है तो वहीं युवाओं के लिए भी करियर के तौर पर नया विकल्प। निर्माण क्षेत्र में कैसे बनाएं करियर और क्या है इसमें  भविष्य...
परिचय  
निर्माण संबंधित कार्यों में बहुमंजिली इमारतों तथा हाईवे के निमार्ण से लेकर, स्थलों को खाली करना, संरचना के रखरखाव एवं उसे विकसित करना आदि शामिल है। निर्माण कार्यों की श्रेणियों में गृह निर्माण, बहुमंजिला भवन बनाना, व्यावसायिक ढ़ांचे तैयार करना, हाईवे, एयरपोर्ट, पुल, बांध, सुरंग, रेलवे पटरी, मिसाइल कैंप, पोर्ट, रिफाइनरी, सीवर एवं पानी की पाइप जैसी नगर निगम की सुविधाओं, जल शुद्धिकरण प्लांट, पार्क और खेल के मैदान इत्यादि का निर्माण शामिल है। इतना ही नहीं इसमें प्लम्बिंग, एयर कंडिशनिंग, इलेक्ट्रिक वायरिंग, बिजली के उपकरण, लिफ्ट, निर्माण कार्यों में बदलाव करना, साज-सज्जा करना तथा मरम्मत करना इत्यादि भी शामिल होता है। निर्माण उद्योग से निर्माण के उत्पाद तैयार करने वाले उद्योग और काम को अंजाम देने के लिए विशिष्ट तकनीकी सेवाएं भी जुड़ी होती है।
आपकी गुणवत्ता
समस्या को सुलझाने की क्षमता, संरचनाओं एवं बाहर के कामों में रूचि, शारीरिक श्रम करने की क्षमता, बहुआयामी संरचनाओं की परिकल्पना की क्षमता, जगहों के समीकरण, गणितीय और वैज्ञानिक समस्याएं हल करने में मजा आना और तेज नजर व हर चीज करीब से जानने की उत्सुकता सिविल इंजीनियरों के कुछ मूलभूत गुण होते हैं।
अध्ययन 
जहां इंजीनियर सिविल व इलेक्ट्रिकल शाखाओं से संबंधित होते हैं, वहीं निरीक्षण का काम करने वाले सिविल व इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा-धारक ही होते हैं। निर्माण प्रबंधक विभिन्न क्षेत्रों में स्नातक/परास्नातक होने के साथ-साथ निर्माण की विशेष योग्यता भी हासिल करते हैं। साइट के निरीक्षक व काम के बंटवारे पर नजर रखने वालों की भी काफी जरूरत होती है। इस पद के लिए स्नातक न्यूनतम योग्यता है। एक निरीक्षक को एक दिन में आठ घंटे की अवधि तक काम करना पड़ता है। 
कोर्स 
इंजीनियरिंग स्नातक या डिप्लोमाधारक जो निर्माण स्थलों पर दो वर्ष का कार्य अनुभव रखते है, ये कोर्स कर सकते हैं-
-प्रोजेक्ट प्रबंधन का स्नातकीय डिप्लोमा। 
छह माह का सर्टिफिकट कोर्सः
- निर्माण ठेका प्रबंधन
- निर्माण उपकरण प्रबंधन
- निर्माण में गुणवत्ता प्रबंधन
- निर्माण में सुरक्षा प्रबंधन
- स्थल कर्मी प्रबंधन
- भवन रख-रखाव प्रबंधन
प्रमुख संस्थानः 
-पर्यावरण योजना एवं तकनीकी केंद्र (सी.ई.पी.टी.) कस्तूरबा लाल भाई कैंपस, अहमदाबाद-380009 
-एनआईसीएमएआर पुणे कैंपस, 25/1, बेल्लारी, एनआईए पोस्ट ऑफिस, पुणे- 411045
-एनआईसीएमएआर ट्रस्ट कार्यलय, बालचंद केंद्र, तारदेव सड़क, मुंबई- 400034
-एनआईसीएमएआर, 7, विट्ठल राव नगर, माधोपुर, हैदराबाद- 500033
-एनआईसीएमएआर, डी/2, बसंत कुंज, नई दिल्ली।
रोजगार 
निर्माण प्रबंधन आमतौर पर भवन निर्माण, औद्योगिक निर्माण, हाईवे निर्माण, नगर निगम संबंधी और जनकार्यों के प्रोजेक्ट व वन निर्माण में विशिष्टता रखते हैं। कंस्ट्रक्शन कार्यों में सहायक प्रोजेक्ट अधिकारी, सर्वेक्षणकर्ता (सर्वेक्षण के अन्य क्षेत्र-भूमि सर्वेक्षण, जल स्तर सर्वेक्षण, खनन सर्वेक्षण, भवन व समान की लागत सर्वेक्षण) सहित अन्य लोगों की काफी डिमांड होती है। किसी भी कंस्ट्रक्शन में मजदूर से लेकर संबंधित विशेषज्ञ तक अपनी सेवा देते हैं जिसके लिए उनके कार्यों के अनुरूप योग्यता का होना आवश्यक है।

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